Ekadashi एकादशी के शुभ दिन, तैयारियाँ, नियम, एकादशी कब है?

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Ekadashi kab hai

एकादशी ( Ekadashi ) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण शब्द है, जो दो संस्कृत शब्दों से निकला है: “एक” जिसका अर्थ “ग्यारह” होता है, और “दशी” जिसका अर्थ “दसवाँ” होता है। यह महत्वपूर्ण दिन चंद्रमा के वृद्धि और क्षय पक्ष के ग्यारहवें दिन (एकादशी तिथि) को पड़ता है। इसे हिंदू धर्म के लोग दिवसों के साथ विशेष भक्ति से ध्यान देकर मानते हैं। इस व्यापक गाइड में, हम एकादशी कब है, इसके महत्व, रस्में और अभ्यास के गहराईयों में खुद को डुबका रहेंगे।

विषयसूची

Ekadashi Dates एकादशी कब है: तारीखों को समझना

एकादशी की तारीखें हिंदू चंद्र-कैलेंडर के कारण मासिक रूप से बदल सकती हैं। यहां आपके संदर्भ के लिए कुछ आगामी एकादशी तिथियां दी गई हैं:

माहएकादशी की तारीखदिन
जुलाई 20235 जुलाईमंगलवार
जुलाई 202320 जुलाईबुधवार
अगस्त 20234 अगस्तगुरुवार
अगस्त 202319 अगस्तशुक्रवार
सितंबर 20232 सितंबरशुक्रवार
सितंबर 202318 सितंबरशनिवार

कृपया ध्यान दें कि एकादशी की तारीखें क्षेत्र और स्थानीय रीति के आधार पर भिन्न हो सकती हैं।

Ekadashi एकादशी के आध्यात्मिक महत्व

एकादशी हिंदू धर्म में बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व रखती है। माना जाता है कि एकादशी व्रत रखना और इस दिन आध्यात्मिक गतिविधियों में जुटना व्यक्तियों को आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में सहायता कर सकता है और उनकी आत्मा को शुद्ध कर सकता है। यह पवित्र दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, और माना जाता है कि एकादशी व्रत रखने से उन्हें उनकी दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

एकादशी के अनुष्ठान ( Ekadashi Rituals )

1. एकादशी व्रत की तैयारियाँ

एकादशी व्रत की तैयारी दिमाग और शरीर को शुद्ध करने से शुरू होती है। भक्त भोरे बजे स्नान करते हैं और साफ सुथरे कपड़े पहनते हैं। वे ध्यान और प्रार्थना में लगे रहते हैं ताकि वे आध्यात्मिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

2. एकादशी व्रत के नियम

एकादशी के दिन भक्त गेहूं, दाल और कुछ सब्जियों के सभी रूपों से परहेज करके सख्त उपवास करते हैं। कुछ लोग एक पानीरहित व्रत (निर्जला एकादशी) का चयन करते हैं, जिसमें उन्हें पूरे दिन भोजन या पानी नहीं लेना पड़ता है।

3. मंत्र-जाप और भजन गाना

पूरे दिन भक्त भजन गाने और मंत्रों का जाप करके ध्यान में लगते हैं। इससे दिव्यता का वातावरण बनता है और उन्हें दिव्य से संबंधित अनुभूति होती है।

4. एकादशी कथा

मंदिरों और घरों में, भक्त एकादशी कथा सुनने के लिए इकट्ठे होते हैं, जो एकादशी के महत्व और जुड़े हुए किस्से का बयान करती है। यह कहानी सुनने का समय आध्यात्मिक शिक्षा और मूल्यों को समर्पित करता है।

5. पूजा और आराधना करना

भक्त मंदिरों में जाकर भगवान विष्णु को पूजते हैं, उनकी आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और विशेष पूजा अनुष्ठान करते हैं। फूल, धूप, और मिठाई उन्हें श्रद्धा भक्ति से चढ़ाई जाती हैं।

एकादशी व्रत का महत्व

Ekadashi एकादशी व्रत का अर्चन न केवल एक रीति है, बल्कि यह दिमाग और शरीर को अनुशासित करने का एक तरीका ह. जिससे आत्मसंयम, भक्ति और विनम्रता जैसे गुणों का विकास होता है। यह व्रत आत्मा से दूषितता को दूर करता है, जिससे व्यक्ति आत्मिक विकास और ज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है।

एकादशी और वैज्ञानिक तर्क ( Ekadashi and scientific reasoning )

धार्मिक महत्व के अलावा, एकादशी व्रत के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी हैं। यह उपवास शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है, पाचन में सहायक होता है, और सामान्य कल्याण को बढ़ावा देता है।

वर्ष 2023 में मास अनुसार एकादशी तिथियां ( Ekadashi kab hai )

जनवरी 2023 में एकादशी (Ekadashi January 2023)

शुक्ल एकादशी – 5 जनवरी 2023 (पौष कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि जनवरी के पहले महीने में पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत अनुष्ठान करने से शुभ फल प्राप्त होता है और आत्मिक शुद्धि होती है। भक्त इस दिन पूरे दिन उपवास करते हैं और भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं।

फरवरी 2023 में एकादशी (Ekadashi February 2023)

कृष्ण एकादशी – 20 फरवरी 2023 (माघ कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि फरवरी के दूसरे महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वे आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करते हैं। इस एकादशी के दिन विशेष पूजा अर्चना करने से आध्यात्मिक विकास होता है।

मार्च 2023 में एकादशी (Ekadashi March 2023)

शुक्ल एकादशी – 7 मार्च 2023 (फाल्गुन कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी मार्च के महीने में पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजा और व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को दिव्य आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन में सुख-शांति का वातावरण बनता है। इस एकादशी के दिन सत्संग करने से व्यक्ति का मानसिक विकास होता है।

अप्रैल 2023 में एकादशी (Ekadashi April 2023)

कृष्ण एकादशी – 6 अप्रैल 2023 (चैत्र कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि अप्रैल के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु के विशेष ध्यान और पूजा करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आत्म-शक्ति प्राप्त होती है। यह एकादशी व्रत करने से भक्त आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।

मई 2023 में एकादशी (Ekadashi May 2023)

शुक्ल एकादशी – 7 मई 2023 (वैशाख कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि मई के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को आत्मिक शुद्धि मिलती है और उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

जून 2023 में एकादशी (Ekadashi June 2023)

कृष्ण एकादशी – 5 जून 2023 (ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी महीने के छठे महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

जुलाई 2023 में एकादशी (Ekadashi July 2023)

शुक्ल एकादशी – 4 जुलाई 2023 (आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि जुलाई के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु के विशेष ध्यान और पूजा करने से भक्तों को आत्मिक शुद्धि मिलती है और उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

अगस्त 2023 में एकादशी (Ekadashi August 2023)

कृष्ण एकादशी – 2 अगस्त 2023 (श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि अगस्त के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

सितंबर 2023 में एकादशी (Ekadashi September 2023)

शुक्ल एकादशी – 1 सितंबर 2023 (भाद्रपद कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि सितंबर के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को आत्मिक शुद्धि मिलती है और उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

अक्टूबर 2023 में एकादशी (Ekadashi October 2023)

कृष्ण एकादशी – 1 अक्टूबर 2023 (आश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि अक्टूबर के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

नवंबर 2023 में एकादशी (Ekadashi November 2023)

शुक्ल एकादशी – 30 नवंबर 2023 (कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि नवंबर के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को आत्मिक शुद्धि मिलती है और उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

दिसंबर 2023 में एकादशी (Ekadashi December 2023)

कृष्ण एकादशी – 30 दिसंबर 2023 (मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी)

यह एकादशी तिथि दिसंबर के महीने में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व्रत अनुष्ठान करने से भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन धार्मिक कर्मों का पालन करने से व्यक्ति को सुखी और शांत जीवन मिलता है।

यह थे वर्ष 2023 में मास अनुसार एकादशी तिथियां। ( Ekadashi kab hai dates ) इन व्रतों का पालन करके हम अपने जीवन में शुभता, आत्मिक शक्ति, और शांति को प्राप्त कर सकते हैं। यह सम्पूर्ण व्रत विधि और धार्मिक त्योहार हमारे जीवन में खुशियां और समृद्धि लाते हैं।

एकादशी के प्रकार

Ekadashi

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)

निर्जला एकादशी व्रत में भक्त एक बार भी पानी नहीं पीते हैं। यह व्रत ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को माना जाता है। इस एकादशी को निर्जला (निरजला – निरपीय) एकादशी कहा जाता है क्योंकि इसमें भक्त तीनों तरह के पानी (सादा पानी, नारियल पानी और छाछ) का त्याग करते हैं। यह एकादशी व्रत सबसे उत्तम माना जाता है और इसके पालन से सभी पापों का नाश होता है।

पारण एकादशी (Parana Ekadashi)

पारण एकादशी व्रत में भक्त व्रत के दिन भोजन करते हैं, लेकिन एकादशी के दिन व्रत को खोलने के लिए एकादशी तिथि के बाद सूर्योदय के बाद भोजन करते हैं। यह व्रत ज्यादातर लोगों के द्वारा पालन किया जाता है और यह सरल व्रत होता है।

सकट एकादशी (Sakat Ekadashi)

सकट एकादशी व्रत उत्तर प्रदेश और बिहार में माघ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा और व्रत अनुष्ठान करते हैं और सकट और दुखों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi)

उत्पन्ना एकादशी व्रत भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को माना जाता है। इस दिन भक्त व्रत करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस एकादशी के दिन धर्मिक कार्यों का पालन करने से भक्त को सुख, समृद्धि, और सफलता मिलती है।

परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi)

परिवर्तिनी एकादशी व्रत अश्विन मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा और व्रत अनुष्ठान करते हैं और पुण्य कार्यों का अधिक महत्व देते हैं।

आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi)

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं। यह एकादशी व्रत विशेष धार्मिक महत्व रखता है और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस व्रत को पालन करने से भक्तों को सभी पापों का नाश होता है और उन्हें सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है। आषाढ़ी एकादशी के दिन भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, भगवान के भजन गाते हैं, मन्त्र जाप करते हैं और व्रत का पालन करते हैं। इस विशेष दिन के अलावा, अखाड़ों में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है और भक्तों की भीड़ इस धार्मिक उत्सव में शामिल होती है। आषाढ़ी एकादशी को देवशयनी एकादशी भी कहा जाता है और यह महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार भारत भर में धूमधाम से मनाया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQs about Ekadashi )

Q: क्या एकादशी पर पूरी तरह से बिना पानी के उपवास रखना आवश्यक है?

A: नहीं, कुछ भक्त बिना पानी के उपवास का चयन करते हैं, जबकि दूसरे पानी, दूध, या फलों का सेवन कर सकते हैं।

Q: क्या गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे एकादशी व्रत रख सकते हैं?

A: गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, और स्वास्थ्य संबंधी समस्या वाले व्यक्ति आम तौर पर शक्त उपवास से बचते हैं। वे भविष्यवाणी उपवास या पुण्य के कार्यों को कर सकते हैं।

Q: एकादशी व्रत का अनुष्ठान करने के क्या लाभ हैं?

A: एकादशी व्रत अनुष्ठान से आध्यात्मिक शुद्धि, शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन, और आत्म-नियंत्रण में सहायता मिलती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आत्मिक विकास होता है।

Q: एकादशी कब है का गणना हर माह कैसे होती है?

A: एकादशी की तारीखें हिंदू चंद्र-कैलेंडर के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, और ये चंद्रमा के वृद्धि और क्षय पक्ष के ग्यारहवें दिन को आते हैं।

Q: क्या गैर-हिंदू लोग भी एकादशी व्रत का अनुसरण कर सकते हैं?

A: हां, एकादशी व्रत के आध्यात्मिक लाभ हिंदू धर्म से सीमित नहीं हैं। सभी धर्मों के लोग इस उपवास को अनुसरण कर सकते हैं और इसके सकारात्मक प्रभाव को अनुभव कर सकते हैं।

Q: एकादशी के अनुसरण में क्या क्षेत्रीय भिन्नताएं होती हैं?

A: हां, कुछ क्षेत्रों में एकादशी संबंधी रीति और रस्में भिन्न हो सकती हैं, लेकिन आध्यात्मिक भक्ति का मूल संस्कार समान रहता है।

निष्कर्ष

एकादशी ( Ekadashi ) एक पवित्र दिन है जो हिंदू संस्कृति में गहरा महत्व रखता है। एकादशी व्रत का अनुसरण करके और इस पवित्र दिन पर आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होकर, भक्त आत्मिक विकास का अनुभव कर सकते हैं, अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं, और दिव्य से जुड़ सकते हैं। यह एक अद्भुत मिश्रण है रूढ़िवादी परंपरा, आध्यात्मिकता, और वैज्ञानिक तर्क का। इसलिए, आइए एकादशी के आत्मिक भाव से जुड़ जाएं और आत्म-अन्वेषण और भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ें।

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